Mahamrityunjay mantra (origin: Shivapuran)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
On shiva (origin: Yajurveda)
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥
On work as an end in itself (origin: Bhagavad Gita)
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
Kedarnath (a different version)
रुद्र शिव सोमेश्वरम्;
भद्र नट युगन्धरम्;
त्र्यम्बकेओ भोलेनाथ;
महादेवो नमो-नमम्।
शून्याधिक सूक्ष्म-त्य आकाशोपमान विस्तार;
कि सृष्टि-मर्म-स्थिति-च, तुमिव आदि-अन्त च;
संसारे बहुव-अधर्मः, पर तत्त्व एकमेवमा;
असत्-काम-लोभ जगत्यखंडसत्य शंकर।
रुद्र शिव सोमेश्वरम्;
भद्र नट युगन्धरम्;
त्र्यम्बकए नीलकंठ;
महादेवो नमो-नमम्।